India Pakistan War Update: भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई के दौरान चीन ही नहीं तुर्की के राजदूत भी रात को 3 बजे पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय पहुंच गए थे। तुर्की के विदेश मंत्री के आदेश पर तुर्की के राजदूत पहुंचे थे।
इस्लामाबाद: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस में ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों के जरिए जमकर तबाही मचाई थी। पाकिस्तान पर हुए इस हमले से चीन टेंशन में आ गया था और उसके राजदूत सुबह 3 बजे ही पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय पहुंच गए थे। चीनी राजदूत अपने हथियारों के प्रदर्शन को देख रहे थे और पाकिस्तानी सेना को जरूरी सैन्य मदद पहुंचा रहे थे। इस बीच अब खुलासा हुआ है कि भारत ने जब 6 मई की रात पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया था, उस समय रात को 3 बजे ही तुर्की के राजदूत पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय पहुंच गए थे।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के विदेश मंत्री ने अपने इस्लामाबाद में स्थित राजदूत को फोन करके निर्देश दिया कि वह तत्काल पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय पहुंचे। तुर्की के राजदूत ने पाकिस्तान को ऑफर दिया कि पाकिस्तान को जो भी मदद की जरूरत होगी, उसे हम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पाकिस्तान पत्रकार एजाज सैयद ने खुलासा किया कि भारत के हमले के बाद मुस्लिम दुनिया के कई देशों को संदेह था कि पाकिस्तान भारत का मुकाबला नहीं कर पाएगा।
बायरकतार टीबी-2 ड्रोन पर पाकिस्तान संग डील
इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही तुर्की ने पाकिस्तान को कई विस्फोटक ड्रोन और उसके पायलटों को भेजा ताकि भारत पर हमला किया जा सके। हालांकि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उसे मार गिराया। इस ऑपरेशन के खत्म होने के बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ असीम मुनीर दोनों ही तुर्की की यात्रा पर पहुंचे थे। उन्होंने तुर्की के खलीफा एर्दोगन को धन्यवाद दिया। यही नहीं तुर्की के विदेश मंत्री और रक्षामंत्री दोनों ही पाकिस्तान की यात्रा पर आए थे।
इसके बाद अब पाकिस्तान और तुर्की के बीच 90 करोड़ डॉलर की ड्रोन डील हुई है। इसके तहत तुर्की अब पाकिस्तान को जासूसी और हमलावर बायरकतार टीबी-2 ड्रोन मुहैया कराएगा। वहीं इसके बदले में पाकिस्तान तुर्की को आधुनिक तोप के गोले और अन्य साजो सामान की आपूर्ति करेगा। पाकिस्तान और तुर्की दोनों अपने व्यापार को अब 5 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। तुर्की की बायकर कंपनी इस पूरी बातचीत के केंद्र में है जो टीबी-2 जैसे ड्रोन बनाने के लिए जानी जाती है। यह ड्रोन यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों में काफी कारगर साबित हुआ था। हाल ही में बायकर ने हाल ही में एआई से चलन वाली KEMANKE 1 क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। पाकिस्तान ने इससे पहले तुर्की के YIHA ड्रोन का भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया था जो फेल रहा।
लेखक के बारे मेंशैलेश कुमार शुक्लाशैलेश कुमार शुक्ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्क पर कार्यरत हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।… और पढ़ें